भोपाल ।   महिला-बाल विकास विभाग के मैदानी अमले के मार्गदर्शन, प्रोत्साहन एवं उत्प्रेरण के लिए शनिवार को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में एक विशेष कार्यकम का आयोजन हुआ । सुबह करीब 11 बजे सीएम शिवराज सिंह चौहान कुशाभाऊ ठाकरे सभागार पहुंचे और दीप प्रज्‍ज्‍वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्‍यमंत्री ने कार्यक्रम में आंगनवाड़ियों केंद्रों को समय पर खोलने, स्वच्छता का ध्यान रखने तथा अन्य कार्यों को उत्कृष्टता के साथ निर्वहन के लिए आंगनवाड़ी की सहायिकाओं को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्‍यमंत्री शिवराज ने अपने संबोधन में कहा कि हमारा सबसे बड़ा दायित्व कुपोषण दूर करना है। महिला एवं बाल विकास विभाग 75% आबादी की सेवा का विभाग है। अपना काम बच्चों की जिंदगी बचाने व बनाने का काम है। क्या महिला बाल विकास विभाग यह संकल्प ले सकता है कि 1 साल के अंदर एक भी बच्चा अंडरवेट नहीं रहेगा? मुख्‍मंत्री ने कहा कि हमारा संकल्प है 1000 बेटों पर 1000 बेटियां। वर्ष 2011-12 तक 1000 बेटों पर 912 बेटियां जन्म लेती थीं। लाडली लक्ष्मी योजना के कारण अब वह संख्या बढ़कर 956 तक हो गई है, और अब ओवरऑल लिंगानुपात है 1000 बेटों पर 976 बेटियां। विभाग की योजनाओं का भी लाभ देंगे और समाज से भी सहयोग लेंगे। यह करके दिखाया जा सकता है। समाज के पास देने को बहुत कुछ है। हमने अडॉप्ट एन आंगनवाड़ी अभियान चलाया। इसका उद्देश्य समाज को आंगनवाड़ी से जोड़ना है। मुख्‍यमंत्री ने अपने संबोधन में एक दोहा पढ़ा और कहा कि मर जाऊं पर मांगू नहीं अपने तन के काज, परमार्थ के कारज में मोहे न आवे लाज। कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव, महिला-बाल विकास अशोक शाह और प्रदेश से हर स्तर के चयनित अधिकारी-कर्मचारी मौजूद हैं। जिलों में अधिकारी-कर्मचारी एनआइसी केंद्र से वर्चुअली कार्यक्रम से जुड़े हैं। संचालक महिला-बाल विकास डा. राम राव भोंसले ने बताया कि हाल ही में विभाग अडाप्ट एन आंगनबाड़ी नवाचार के लिए सामाजिक समावेश एवं सशक्तीकरण श्रेणी में मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित हुआ। उल्लेखनीय है कि हाल ही में प्रकाशित एनएफएचएस-5 के आकड़ों के अनुसार मध्यप्रदेश के पोषण एवं शिशु लिंगानुपात में भी सुधार दर्ज हुआ है।