छत्तीसगढ़ सरकार ने इस साल राज्य में किसानों से समर्थन मूल्य पर 97 लाख 97 हजार 122 मीट्रिक टन धान की खरीदी कर पिछले साल के रिकॉर्ड को तोड़ दिय। राज्य में बीते साल 92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। इस साल 21,77,283 किसानों ने समर्थन मूल्य पर अपना धान बेचा है, जो बीते वर्ष धान बेचने वाले 20,53,600 किसानों की संख्या से 1,23,683 अधिक है।

राज्य में 1 दिसंबर 2021 से धान खरीदी शुरू हुई जो 7 फरवरी तक चली। बेमौसम बारिश की वजह से धान न बेच पाने वाले किसानों को धान बेचने का मौका देने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल निर्धारित अवधि 31 जनवरी को बढ़ाकर 7 फरवरी तक किया था। इस साल 97.97 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का नया रिकॉर्ड बना है। सन 2021 में 92 लाख मीट्रिक टन धान, साल 2020 में 83.94 लाख मीट्रिक तथा 2019 में 80.37 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। इस साल खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में धान बेचने के लिए कुल 24,06,560 किसानों ने पंजीयन कराया था, जिनके द्वारा बोए गए धान का रकबा 30 लाख 10 हजार 880 हेक्टेयर है। जबकि गत वर्ष पंजीकृत धान का रकबा 27 लाख 92 हजार 827 हेक्टेयर था। यदि एक साल के आंकड़े की ही तुलना की जाए तो धान बेचने के लिए पंजीकृत किसानों की संख्या में लगभग सवा लाख तथा पंजीकृत धान के रकबे में 2 लाख 18 हजार की वृद्धि हुई है।

राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में राजनांदगांव जिला प्रदेश में अग्रणीय रहा है। राजनांदगांव जिले के 149 खरीदी केंद्रों में 7 फरवरी तक सर्वाधिक  8 लाख 25 हजार 127 मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है। जांजगीर-चांपा जिला दूसरे क्रम पर रहा है यहां 8 लाख 24 हजार 552 मीट्रिक टन धान का उपार्जन हुआ है। महासमुंद जिले ने 7 लाख 74 हजार 136 मीट्रिक टन धान की खरीदी कर तीसरे क्रम पर रहा है।