भोपाल  मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन एवं माननीय सदस्य  सरबजीत सिंह ने शुक्रवार को दमोह में वन स्टॉप सेंटर (सखी केन्द्र) का निरीक्षण किया। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक डीआर तेनीवार और जिला कार्यक्रम अधिकारी  प्रदीप राय एवं महिला सशक्तिकरण अधिकारी  संजीव मिश्रा भी मौजूद रहे।
 
आयोग के पदाधिकारियों ने बताया कि महिलाओं के संरक्षण के संबंध में वन स्टॉप सेंटर दमोह में कार्यवाहियों की जानकारी लेने के लिए यहां आये हैं। आयोग के निरीक्षण का उद्देश्य ये है कि जो डोमेस्टिक वायलेंस से संबंधित प्रकरण है उनका निराकरण कैसे किया जाता है, व्यवस्थाओं में अगर सहायता की कोई आवश्यकता है तो उसमें सुधार के लिये राज्य शासन को सुझाव देना। उन्होंने कहा कि निरीक्षण में यहां की व्यवस्थाएं देखी गई सभी व्यवस्थाएं अच्छी पाई गई, यहां पर महिलाओं तथा बच्चों को रहने के लिए आवश्यकता अनुसार सभी सुविधाएं हैं, महिलाओं को यहा पर 5 दिन तक उनकी मर्जी से रखा जा सकता हैं उसके पश्चात इनको आदेश लेना पड़ता है। यहां पर डोमेस्टिक वायलेंस (घरेलू हिंसा) के जो  प्रकरण है उनके निराकरण के लिए व्यवस्थाएं है। 
उन्होंने बताया कि मास्टर ऑफ आर्ट साइकोलॉजी के एक्सपर्ट यहां बैठे हैं जो कि डोमेस्टिक वायलेंस के प्रकरणों में इस प्रकार रि-कंसल्ट कर सकते हैं कि किस तरह से परिवार की व्यवस्था बनी रहे और समाज में वह अच्छा योगदान दे सकें। उन्होंने यहां पर स्टाफ की भी जानकारियां ली और समस्याओं की जानकारी ली, कुल मिलाकर यहा अच्छा काम पाया गया है।
इसके पहले मप्र मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन ने यहां एक वाहन की आवश्यकता बताते हुये कहा कि सिर्फ़ यहां ही नहीं, प्रदेश के सभी जिलों में इस व्यवस्था के लिये राज्य शासन को प्रस्ताव भेजा जायेगा।