रायपुर नगर निगम के अधिकारियों के बीच राजधानी रायपुर के ऐतिहासिक गोल बाजार की दुकानों का मालिकाना हक देने के एवज में विकास शुल्क वसूलने का मामला जल्द ही सुलझने की चर्चा है। व्यापारियों और निगम के बीच चल रहे विवाद को समाप्त करने के लिए शासन स्तर पर विकास शुल्क माफ करने की घोषणा हो सकती है। महापौर एजाज ढेबर ने विकास शुल्क माफ करने की किसी भी संभावना से इन्कार किया है।गोलबाजार में कुल 579 दुकानें हैं। सभी दुकानदारों ने नई दरों पर करीब एक हजार रुपए, निर्मित क्षेत्रफल पर प्रति वर्गफीट पर लागू किया गया है। इस विकास शुल्क का कारोबारी विरोध कर रहे हैं। यदि किसी की 100 वर्गफीट की दुकान है तो शुल्क की वजह से व्यापारियों से एक लाख रुपए लिए जाएंगे। वर्तमान में कई व्यापारियों ने दो और तीन मंजिला दुकानें बना ली है। प्रत्येक फ्लोर में यदि 100 वर्गफीट है और दुकान तीन फ्लोर की है तो 300 वर्गफीट निर्मित क्षेत्रफल विकास शुल्क तीन लाख तक देना होगा।

पिछले दिनों गोलबाजार व्यापारी महासंघ ने सड़क पर उतरकर मानव श्रृंखला बनाकर विकास शुल्क वसूलने समेत अन्य का विरोध जताते हुए नारेबाजी की थी। व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष धनराज जैन का कहना है कि निगम की ओर से व्यापारियों को मालिकाना हक देने का जो प्रस्ताव दिया गया है, उसमें कई विसंगतिया हैं। इसे दूर करने की मांग हम कर रहे हैं।