आयोग ने कहा- एसपी खण्डवा तीन सप्ताह में दें जवाब

खण्डवा   जिले के कोतवाली थाने में एक हेड कांस्टेबल ने लूट की रिपोर्ट लिखवाने आई एक दिव्यांग वृद्धा से अभद्रता करते हुए उसे थाने से भगा दिया। महिला की गलती सिर्फ इतनी थी, कि वह लुटेरे के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाने कोतवाली थाने पहुंचीं, जबकि वरिष्ठ अफसर लगातार अधीनस्थों को पीड़ितों से अच्छे व्यवहार की बात कर रहे हैं। इधर हेड कांस्टेबल के बर्ताव को लेकर टीआई से लेकर एसपी खण्डवा ने भी मामले को गंभीरता से लिया। तीन माह पहले डीआईजी ने थाना स्टाॅफ से कहा था कि पीड़ितों के साथ अच्छा व्यवहार रखें। बीते सोमवार को महाराष्ट्र के भण्डारा जिला के वाही गांव में रहने वाली वृद्धा श्रीमती मन्दा पत्नी रविन्द्र अपनी बेटी काजल व दो नातिन के साथ बैग चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज कराने कोतवाली थाने पहुंची। कुछ ही देर हुई थी, कि थाने में विवाद होने की आवाजें आने लगीं। श्रीमती मन्दा और हेड कांस्टेबल भगवान महाजन के बीच झड़प हो रही थी। श्रीमती मन्दा अपनी बेटी और बच्चे के साथ थाने के बाहर जमीन बैठ गई। श्रीमती मन्दा का आरोप है कि पुलिसवाले (महाजन) ने गाली-गलोज कर मुझे थाने से भगा दिया। वह कहने लगा कि तूने ही बैग दिया होगा। हम उसमें क्यों रिपोर्ट दर्ज करें ?
मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति  नरेन्द्र कुमार जैन ने पुलिस अधीक्षक खण्डवा से तीन सप्ताह में तथ्यात्मक जवाब मांगा है।