श्री कृष्णा विश्वविद्यालय में नशा मुक्ति, रोजगार और स्टार्टअप के संबंध में छात्र संवाद
श्री कृष्णा विश्वविद्यालय में नशा मुक्ति, रोजगार और स्टार्टअप के संबंध में छात्र संवाद का आयोजन
केन्द्रीय मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ आयोजन
छतरपुर। श्री कृष्णा विश्वविद्यालय, छतरपुर में नशा, रोजगार और स्टार्टअप के संबंध में छात्र संवाद का आयोजन माननीय केन्द्रीय मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. बृजेन्द्र सिंह गौतम ने की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के चेयरमैन डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह गौतम, उपकुलपति गिरीश त्रिपाठी, विनय पटैरिया, अनुराग वर्मा सांसद प्रतिनिधि टीकमगढ़, धीरेन्द्र नायक सांसद प्रतिनिधि छतरपुर एवं संजू बरसैंया मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारम्भ जगत जननी मॉ सरस्वती के समक्ष पुष्पार्पण कर दीप प्रज्जवलित उपरान्त माँ सरस्वती वंदना के साथ हुआ। तदुपरान्त अतिथि देवो भव: की परंपरा का अनुसरण करते हुए सभी अतिथियों का माल्यार्पण एवं पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। स्वागत उपरान्त सर्वप्रथम विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. बृजेन्द्र सिंह गौतम ने उपस्थित मुख्य अतिथि का परिचय एवं कार्यक्रम के मुख्य बिन्दु से संबंधित जानकारी से अवगत कराया। तत्पश्चात् विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने नशा, रोजगार और स्टार्टअप पर अपने विचार व्यक्त किये। जिसमें सर्वप्रथम छात्र आशीष मिश्रा ने स्टार्टअप के अंतर्गत बताया कि उसके साथियों द्वारा विश्वविद्यालय के सहयोग से ऑर्गेनिक सब्जी टोकरी नामक एक एप प्रारम्भ किया गया है जिसके द्वारा ऑर्गेनिक सब्जी कम मूल्य में उपभोक्ता को मुहईया कराई जाती है। जिसका उत्पादन अभी विश्वविद्यालय के फॉर्मिंग हाउस से प्रारम्भ किया गया है।
वहीं छात्र आयुष विश्वकर्मा ने बताया कि यदि हमारे पास स्किल है तो हम स्वयं स्टार्टअप कर सकते हैं। इसके लिए हमारे पास पैसे होना ही जरूरी नही है। छात्र आकाश गौतम ने कहा कि युवाओं को सफल और उद्यमी बनाना हमारे प्रधानमंत्री जी का मुख्य घ्येय है उसी के अंतर्गत मैं अपने साथियों के साथ मिलकर विधि से संबंधित एक नया स्टार्टअप प्रारंभ कर रहा हूं जिसमें सभी प्रकार के प्रकरणों की जानकारी, अधिवक्ताओं की जानकारी एवं प्रकरणों से संबंधित पूर्ण जानकारी व्यक्ति घर बैठकर ही प्राप्त हो जायेगी। छात्रा ललिता ने नशा मुक्ति पर अपने विचार व्यक्त किये और कहां कि जन-जन का हो यही संदेश, नशा मुक्त हो हमारा देश। छात्र दीपक तिवारी ने नशा मुक्ति पर कहा कि नशा वही है जो व्यक्ति को धीरे- धीरे खोखला कर देता है। यदि हमें नशा करना ही है तो क्यों न हम किताबों का, देश के विकास का, आगे बढ़ने का का नशा करें। साथ बुंदेली कविता के द्वारा नशा को बड़े ही अच्छे तरीके से व्यक्त करते हुए कहा कि नशा नाश की जर है, मुरा-मुरा के खाये और पुरखन की जायदाद को सब बोतल में आ जाये।
माननीय मुख्य अतिथि डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने अपने वक्तव्य में कहा कि विद्यार्थियों द्वारा नशा, रोजगार और स्टार्टअप को लेकर जो अपने विचार व्यक्त किये वह अति उत्तम हैं। आज का युवा कल देश का भाग्य निर्माता बनने वाला है। श्री कृष्णा विश्वविद्यालय द्वारा जो ऑर्गेनिक खेती का कार्य किया जा रहा है उसके लिए मेरे पास शब्दों की अभिव्यक्ति करना कम है। जब कोई हृदय से किसी विधा को आगे लाता है तो वह सराहनीय होता है। आज का युवा स्टार्टअप को लेकर काफी आगे बढ़ रहा है। देशा का विकास तभी होगा जब हम युवा को नशा से दूर करके आगे बढ़ने कि राह दिखायेंगे। इसके लिए भारत सरकार द्वारा नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत कई योजनाएं चलाई जा रही है। साथ ही योग के माध्यम से एवम् समाज के माध्य विराजमान धर्म गुरूओं के द्वारा सामाजिक न्याय मंत्रालय इस ओर कार्य कर रहा है। युवा हमारे देश का भविष्य हैं हमारे समाज का पूरा ताना बाना उन्हीं पर निर्भर है। उन्होंने बताया कि 98000 से अधिक स्कूल कॉलेजों में एक साथ नशा विरोधी अभियान की शपथ दिलायी गई जिसमें लगभग एक करोड़, 66 लाख से भी अधिक विद्यार्थियों में इसकी शपथ ली। भारत में कुल 372 जिलों को चिन्हित किया गया है जहां नशा की अधिकता है और 500 से भी अधिक समाजसेवी संगठन इस मुहिम से लड़ने के लिए कार्य कर रहे है। जब हम बाल विवाह, सतिप्रथा जैसी कुरितियों को समाप्त कर सकते है तो नशा को क्यों नहीं। मूक बधिर के ईलाज के लिए सामाजिक न्याय मंत्रालय द्वारा पूरा खर्चा वहन किया जाता है जो कि प्रत्येक रोगी पर लगभग 6.50 लाख रूपये का आता है। आज स्टार्टअप के अंतर्गत स्मार्ट फोन बनाने में भारत दुनिया में दूसरे स्थान आ गया है। वहीं स्टील में चौथे से दूसरे एवं ऑटो में तीसरे स्थान पर अपना कब्जा जमाये हुए है। भारत में 84 हजार से ज्यादा स्टार्टअप प्रारंभ हो चुके हैं। जिसमें लगभग 70 हजार करोड़ रूपये की सामग्री का निर्यात भारत कर रहा है।
उन्होंने ने कहा कि जब विश्व में चेचक, पोलियों की महामारी फैली हुई थी। तब भारत को टीका सबसे आखिरी में प्राप्त हुआ था। जबकि आज भारत इतना विकसित, आत्मस्वाभिमानी, समृद्ध, आत्मनिर्भर हो गया है कि कविड जैसी महामारी का टीका सबसे पहले भारत में ही बनाने व लगाया जाना संभव हुआ। विश्वविद्यालय द्वारा जो स्टार्टअप के कार्यक्रम कराये जा रहे है वह प्रधानमंत्री जी के उद्देश्य को पूरा करने में सहयोग निभा रहा है उसके लिए मैं ह्रदयतल की गहराइयों से इस विश्वविद्यालय का आभारी हूँ।माननीय मंत्री जी ने कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्याल द्वारा पूर्व में आयोजित हर धर तिरंगा अभियान कार्यक्रम के तहत मानव श्रृंखला द्वारा भारत के मानचित्र का निर्माण व निःशुल्क तिरंगा वितरण कार्यक्रम की भूरि भूरि प्रशंसा की तथा विश्वविद्यालय बुंदेलखंड क्षेत्र के युवाओं के लिए के लिए एक वरदान साबित हो l साथ ही मंत्री जी ने विश्वविद्यालय के समस्त छात्र छत्राओ को दिल्ली आमंत्रित कर नई लोकसभा भवन को भ्रमण कराने की बात कही l
कार्यक्रम के समापन पर विश्वविद्यालय के चेयरमैन डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह गौतम ने आभार व्यक्त करते हुए बताया कि विश्वविद्यालय 2018 से स्वरोजगार उद्यमिता एवं स्टार्टअप के अंतर्गत कार्य कर रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा सभी जगह एक जनसुविधा केन्द्र शीघ्र ही खोले जाने की तैयारी चल रहीं है। जिसके द्वारा शिक्षा, शासन की योजना इत्यादि की जानकारी सभी को मुहैया कराई जायेगी। विश्वविद्यालय द्वारा चलायी जा रही गौशालाओं से प्राप्त गोबर के द्वारा दिये, गणेश इत्यादि का निर्माण स्टार्टअप के अंतर्गत किया जा रहा है जिसमें लगभग 500 ग्रामीण महिलाओं को रोजगार मिला है आगे आने वाले समय में गोबर के द्वारा निर्मित ट्राफी का निर्माण किया जाने वाला है। खेतों की पराली के माध्यम से डिस्पोजल प्लेट एंव चम्मच का निर्माण विश्वविद्यालय के स्टार्टअप के अंतर्गत शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्राध्यापक, कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहें।