मुंबई । टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का 86 साल की उम्र में बुधवार रात निधन हो गया। रतन टाटा की मौत के बाद सवाल उठता है कि अब टाटा ग्रुप की विरासत कौन संभालेगा। सवाल इसलिए भी, क्योंकि रतन टाटा ने अपना उत्तराधिकारी नियुक्त नहीं किया था।


अभी समूह की सबसे बड़ी कंपनी टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन हैं, लेकिन इससे भी ऊपर टाटा ट्रस्ट है, जिसकी कमान टाटा परिवार संभालता हैं। निधन  से पहले तक रतन ही टाटा ट्रस्ट के प्रमुख थे। टाटा ट्रस्ट की अहमियत और आकार इस तरह समझ सकते हैं कि यह टाटा ग्रुप की परोपकारी संस्थाओं का समूह है, जो 13 लाख करोड़ रुपए के रेवेन्यू वाले टाटा ग्रुप में 66 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखता है। इसके तहत आने वाले सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के पास ही टाटा संस की 52 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

 

रतन टाटा के छोटे भाई जिमी टाटा मुंबई में ही रहते हैं, लेकिन वे 90 के दशक में रिटायरमेंट ले चुके हैं। हालांकि वे टाटा संस की कंपनियों में शेयर रखते हैं। उन्होंने भी रतन की तरह शादी नहीं की थी और रिटायरमेंट के बाद वे 2 बेडरूम वाले फ्लैट में रहते हैं। जिमी टाटा पिछले 25 साल से ज्यादा समय से सक्रिय कारोबार से दूरी बनाए हुए हैं। 

 

रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा अपने पारिवारिक संबंधों और ग्रुप की कई कंपनियों में भागीदारी के कारण टाटा की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए एक मजबूत दावेदार है। नवल और सिमोन टाटा के बेटे नोएल ट्रेंट, वोल्टास, टाटा इन्वेस्टमेंट और टाटा इंटरनेशनल के चेयरमैन हैं। टाटा स्टील के वाइस चेयरमैन और सर रतन टाटा ट्रस्ट के बोर्ड में भी हैं।

 

नोएल टाटा के बच्चे लिआह, माया और नेविल अन्य प्रोफेशनल्स की तरह कंपनी में काम कर रहे हैं। सबसे बड़ी बेटी लिआह टाटा ने स्पेन से मार्केटिंग में मास्टर डिग्री हासिल की है। 2006 में उन्होंने ताज होटल रिसॉर्ट्स एंड पैलेस में बतौर असिसटेंट सेल्स मैनेजर जॉइन किया था। अभी द इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड में वाइस प्रेसिडेंट के तौर पर काम कर रही हैं। छोटी बेटी माया टाटा ने ग्रुप की फाइनेंशियल सर्विस कंपनी टाटा कैपिटल में एनालिस्ट के तौर पर जॉइन किया था। जबकि उनके भाई नेविल टाटा ने ट्रेंट में अपनी प्रोफेशनल जर्नी शुरू की।