नई दिल्ली । देश की सरकारी कंपनी पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएफसी) ने शापूरजी पल्लोनजी ग्रुप को कर्ज देने से मना कर दिया है, जिससे इस बड़ी कंपनी की कर्ज पुनर्वित्त योजना पर संकट गहरा गया है। पीएफसी की एक व‎रिष्ठ अ‎धिकारी ने एक विश्लेषक कॉल में बताया कि बोर्ड ने इस लोन को मंजूरी न देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि पीएफसी ने इस मामले की गहन जांच-पड़ताल की और पाया कि यह कंपनी के लिए नया सेक्टर है, जिसमें फंडिंग करना सरल नहीं होगा। बोर्ड ने करीब 20,000 करोड़ रुपये (2.4 अरब डॉलर) के लोन को अस्वीकार करने का अंतिम फैसला लिया। शापूरजी पल्लोनजी ग्रुप, जो भारतीय अरबपति शापूर मिस्त्री के नियंत्रण में है, ने पुराने कर्ज को रिफाइनेंस करने के लिए पीएफसी से यह लोन मांगा था। पीएफसी से कर्ज न मिलने पर अब इस समूह को अपनी फंडिंग जरूरतों को पूरा करने के लिए कोई नया विकल्प तलाशने होगा। इस बीच शापूरजी पल्लोनजी ग्रुप की इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन शाखा, अफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने हाल ही में शेयरों की बिक्री के माध्यम से पूंजी जुटाई है। इस शेयर बिक्री के दौरान संस्थापक गोस्वामी इन्फ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड ने 41.8 अरब रुपये के शेयर बेचे, जिससे कंपनी की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायता मिली है। शापूरजी पल्लोनजी ग्रुप के लिए यह स्थिति चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि पीएफसी से कर्ज मिलने पर इसे अपने मौजूदा वित्तीय दायित्वों को पुनर्वित्त करने में मदद मिल सकती थी। अब कंपनी को कर्ज जुटाने के लिए अन्य स्रोतों की तलाश करनी पड़ेगी।