मोदी के पसंदीदा मुख्यमंत्री बने मोहन
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भोपाल । भोपाल की ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में शामिल हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुले मन से मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की प्रशंसा की और इस बेहतर आयोजन के लिए उनकी पीठ थपथपाई। जायज है इससे मुख्यमंत्री के नंबर तो बढ़े ही मगर यह भी अत्यंत महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री ने जिस तरह दो दिन का समय मध्य प्रदेश को दिया। उससे ये भी साबित होता है कि मोदी जी मोहन कार्यकाल की अब तक की उपलब्धियों से संतुष्ट है और जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद से भी इसकी पुष्टि होती है। मोदी जी ने अपनी मौजूदगी से न सिर्फ समिट को सफल बनाया बल्कि निवेश के रास्तों को भी आसान कर दिया। अब समिट में शामिल देश- विदेश के दिग्गज उद्योगपति / निवेशक बढ़-चढ़कर घोषणाएं करेंगे।प्रधानमंत्री ने भी उनसे यही अनुरोध किया कि यही सही वक्त है जब वे मध्य प्रदेश में निवेश कर सकते हैं। मोदी जी ने उज्जैन के महाकाल लोक की भी तारीफ की और भोपाल पहुंचे उद्यमियों से अनुरोध किया कि वे महाकाल लोक देखने के साथ बाबा महाकाल का भी आशीर्वाद प्राप्त करें।इसमें कोई शक नहीं की मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने पहले रीजनल कॉन्क्लेव आयोजित कर पूरे प्रदेश में माहौल बनाया और स्थानीय उद्यमियों और निवेशकों को भी भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार सही मायने में उद्योग मित्र की भूमिका निभाएगी। 2025 को जिस तरह मुख्यमंत्री ने उद्योग और रोजगार वर्ष घोषित किया, उसकी भी सराहना मोदी जी कर गए। यानी कुल मिलाकर मोदी के मन में मोहन है और वह उनके पसंदीदा मुख्यमंत्री की टॉप पोजीशन में आ गए हैं। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री ने भी इन्वेस्टर समिट के विराट आयोजन से साबित कर दिया कि वह भी किसी से कम नहीं है और राजनीति के साथ सभी फील्ड के माहिर खिलाड़ी है। ये भी कम महत्वपूर्ण नहीं है कि समिट का शुभारंभ जहां मोदी जी ने किया, वही समापन में अमित शाह जी मौजूद रहेंगे। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट तो शुरुआत है,मप्र ने देश के सबसे विकसित राज्य बनने की अपनी फर्राटा दौड़ का ट्रेलर दिखा दिया है। बाबा महांकाल के भक्त मुख्यमंत्री इस में अवश्य सफल साबित होंगे!