प्रयागराज । उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेला 2025 की तैयारियां तेज हो गई है। इसको देखते हुए कार्य की गति बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। महाकुंभ के कार्यों की गति में तेजी नहीं आने को लेकर मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने मेले से जुड़े सभी इंजीनियर और प्रशासनिक अधिकारियों के अवकाश 90 दिनों के लिए रद्द कर दिए हैं। आपात स्थिति में अगर किसी को छुट्टी की जरूरत होगी तो वे मेलाधिकारी की अनुमति के बाद ही स्टेशन छोड़ सकेंगे। मंडलायुक्त ने सोमवार को महाकुंभ के कार्यों का आवश्यक निरीक्षण किया।
मंडलायुक्त के निरीक्षण का मामला सामने आया है। लोक निर्माण विभाग के स्टोर में निकाले गए सामान और आए सामान की रजिस्ट्री में एंट्री नहीं मिली। न ही समान जाने वाले कॉलम में किसी के हस्ताक्षर नहीं थे। अधिकारी ने चीफ इंजीनियर को इस प्रकार की स्थिति में सुधार के निर्देश दिए हैं। साथ ही, इस पूरी स्थिति की जांच कराने का भी निर्देश दिया गया है। मंडलायुक्त ने हनुमान मंदिर और अक्षयवट कॉरिडोर के काम का भी निरीक्षण किया। अक्षयवट कॉरिडोर सेना के अफसर काम करा रहे हैं। मंडलायुक्त ने सेना के अवसरों से बातचीत की। उन्हें कहा कि यहां रात की शिफ्ट में भी काम कराया जए, जिससे समय पर काम पूरा हो सके। पातालपुरी और सरस्वती कूप का काम अच्छा चल रहा है। उन्होंने मैनपॉवर बढ़ाने को कहा है।
अधिकारी ने निर्देश दिया है कि अगर काम में समस्या आ रही है तो इसकी समीक्षा करें। अधिकारियों से समस्या का जिक्र किया जाए। वह समस्या को दूर करेंगे। अधिकारी ने साफ कहा कि हर हाल में 31 अक्टूबर की डेडलाइन को अपना आधार मान कर कार्य पूरा कराया जाए। मंडलायुक्त ने जब लोक निर्माण विभाग के स्टोर का निरीक्षण किया तो वहां साल स्लीपर की आपूर्ति कम पाई गई। पिछले सप्ताह कम आपूर्ति के कारण अधिकारी 6 हजार साल स्लीपर की आपूर्ति सप्ताह में करने का लक्ष्य रख रहे थे। मंडलायुक्त ने निर्देश दिया कि सप्ताह में 8 हजार साल स्लीपर की आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाए।
महाकुंभ के कार्यों में लापरवाही पर नगर निगम, लोक निर्माण विभाग और प्रयागराज डेवलपमेंट अथॉरिटी के 15 एई-जेई पर कार्रवाई तय हो गई है। काम में ढिलाई और गुणवत्ता में खराबी पाए जाने पर प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने इस संबंध में निर्देश जारी किया। इस निर्देश पर कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने कार्रवाई के लिए तीनों विभागों के चीफ इंजीनियर को पत्र भेजा है। चीफ इंजीनियरों को दो दिनों के भीतर कार्रवाई कर इससे अवगत कराने कराने को कहा गया है।