बंगाल स्थापना दिवस पर राज्यपाल और सीएम में ठनी....
बंगाल स्थापना दिवस मनाने को लेकर राजभवन और सरकार के बीच एक बार फिर से तकरार उभकर सामने आई। बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मंगलवार (20 जून) को बंगाल स्थापना दिवस मनाया, तो सीएम ममता बनर्जी ने इस पर आपत्ति जताई। ममता बनर्जी ने इसे राज्यपाल का एकतरफा फैसला बताया।
ममता बनर्जी ने क्यों नहीं मनाया बंगाल स्थापना दिवस?
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल को पत्र लिखकर कहा कि वह आज बंगाल स्थापना दिवस नहीं मनाएं। सीएम बनर्जी ने कहा कि किसी विशेष दिन बंगाल की स्थापना नहीं की गई थी, खासकर 20 जून को स्थापना दिवस नहीं मनाएं। उन्होंने कहा कि विभाजन में सीमा पार से लाखों लोगों का विस्थापन और असंख्य परिवारों की मौत शामिल है।
कब हुई थी बंगाल की स्थापना?
बंगाल का इतिहास सैकड़ों वर्ष पुराना है। ब्रिटिश काल में बंगाल और आज का बांग्लादेश एक ही था। बंगाल को विभाजित करने के निर्णय की घोषणा 19 जुलाई, 1905 को हुई थी। तत्कालीन वायसराय लॉर्ड कर्जन ने इसकी घोषणा की थी। एक अलग मुस्लिम बहुल राज्य बनाने के उद्देश्य से बंगाल के बंटवारे का निर्णय लिया गया था। बंगाल विभाजन 16 अक्टूबर, 1905 को प्रभाव में आया था।
अंग्रेजों ने 'फूट डालो-शासन करो' नीति के तहत बंगाल का विभाजन किया था, लेकिन इसका विरोध शुरू हो गया। वर्ष 1905 में ही इस निर्णय के विरोध में 'बंग भंग' आंदोलन शुरू हुआ। इसके बाद लोगों की मांग के आगे अंग्रेजों ने विभाजन को भंग कर दिया और 1911 में बंगाल के पूर्वी हिस्से व पश्चिमी हिस्से फिर से एकजुट हो गए।
बंगाल विभाजन भंग होने के बाद स्वतंत्रता आंदोलन तेज हो गया। हालांकि, भारत को आजादी मिलने के साथ ही बंगाल का पुनः विभाजन हुआ। 20 जून, 1947 को बंगाल विधानसभा में विधायकों की अलग-अलग दो बैठकें हुईं थी। बैठक में बंगाल को बांटने का निर्णय लिया गया। बंगाल को भारत का हिस्सा बनाने वालों में से एक ने बहुमत से प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। दूसरी बैठक में विधायकों ने पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) बनाने का प्रस्ताव दिया।
बंगाल का नाम क्यों पड़ा पश्चिम बंगाल?
भारत की आजादी के साथ ही बंगाल दो हिस्सों में बंट गया। एक का नाम पूर्वी बंगाल और दूसरे का नाम पश्चिमी बंगाल पड़ा। पूर्वी बंगाल, जो पूर्वी पाकिस्तान कहलाया और बाद में पाकिस्तान फिर तत्कालीन इंदिरा गांधी की सरकार के फैसलों के चलते बांग्लादेश बना।
इधर, पश्चिम बंगाल भारत का हिस्सा बना, चूकिं पहले बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल एक ही प्रांत का हिस्सा था, जिसका नाम बंगाल था। इसका जब दो हिस्सों में बंटवारा हुआ, तो पूर्वी हिस्से को पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी को पश्चिम बंगाल नाम दिया गया। पूर्वी पाकिस्तान 1971 आजाद होकर बांग्लादेश बन गया।