भोपाल।   आज गुड फ्राइडे है। कोरोना का प्रकोप खत्‍म होने से दो साल बाद ईसाई समाज पारंपरिक ढंग से उत्‍साहपूर्वक इस पर्व को मना रहा है। इस दिन प्रभु यीशु के बलिदान का स्मरण कर गिरजाघरों में प्रार्थना सभाएं हो रही हैं। जहांगीराबाद, गोविंदपुरा, बरखेड़ा सहित अन्य गिरजाघरों में ईसाई समाज के लोग प्रभु यीशु से कोरोना मुक्ति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। गिरजाघरों में ईसाई समाज के लोग उमड़ रहे हैं। सभी को मानव सेवा करने की सीख दी जा रही है। प्रभु यीशु की प्रतिमा के समक्ष मानवता की भलाई के लिए उनके त्‍याग, बलिदान को यादा किया जा रहा है।

जहांगीराबाद सेंट फ्रांसिस गिरजाघर में प्रार्थना सभा में आर्च बिशप एएएस दुरईराज प्रार्थना करा रहे हैं। गिरजाघर में दिनभर धार्मिक कार्यक्रम चलेंगे। आर्च बिशप एएस दुरईराज ने बताया कि प्रभु यीशु के पुनर्जीवित होने की खुशी में 17 अप्रैल को ईस्टर पर्व का आयोजन शाम 6:30 से बीएसएसएस कालेज में होगा। इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इस दौरान समाज के लोग बड़ी संख्या में शामिल होंगे। उन्होंने कैथेड्रल में पवित्र समारोह की अगुवाई की और कहा जैसा मैंने तुम लोगों के साथ किया है वैसा ही तुम दुसरों के साथ किया करो। मानव सेवा को परम धर्म मानने के कारण ही ख्रीस्तीय धर्म का अस्तित्व है। सभी ख्रीस्तीयों को प्रेम, सेवा व शांति के पथ पर आने वाली किसी भी प्रकार के अड़चनों से घबराए बिना निरंतर मानव सेवा के कार्य करते रहना चाहिए। उन्होंने प्रवचन में कहा कि यीशु ख्रीस्त ने ईश पुत्र होते हुए भी अपने शिष्यों के पैर धोकर उन्हें चूमा और उनसे कहा कि जैसा मैने तुम लोगों के साथ किया है वैसा ही तुम दूसरों के साथ किया करो। मानव सेवा को परम धर्म मानने के कारण ही ख्रीस्तीय धर्म को इतना उदार और सहिष्‍णु माना गया है।