श्रीनगर । पिछली रात से हो रही है, बारिश के कारण उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों का जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। आलम ये है कि नेशनल हाईवे 58 ऋषिकेश से देवप्रयाग के बीच पांच जगहों पर बाधित हो गया है।प्रशासन को श्रीनगर और ऋषिकेश से आने जाने वाले वाहनों को दूसरे मार्गों की तरफ डाइवर्ट करना पड़ा है। नेशनल हाईवे शुक्रवार देर रात 11 बजे से बंद है। मार्ग को लोक निर्माण विभाग खोलने की कोशिश में जुटा हुआ है। टिहरी जिले के धनौल्टी क्षेत्र के ग्वाड़ में भवन मलवे में दब गया। मलबे में 7 लोग दब गए। दो लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं।साथ ही चमौली और रुद्रप्रयाग जनपदों में हो रही बारिश के कारण अलकनंदा नदी के जलस्तर पर भी असर पड़ा है। जलस्तर सामान्य दिनों की तुलना में तेजी के साथ बढ़ रहा है। इससे नदी के आसपास और किनारे रहने वालों लोगों को खतरा पैदा हो गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक नेशनल हाईवे 58 ऋषिकेश और देवप्रयाग के बीच पांच जगहों पर बंद है। मार्ग तीनधारा, रोलीधार, तोताघाटी, सोड पानी, और बछेलिखाल के समीप बंद है। इन सभी जगहों पर पहाड़ी से भारी पत्थर आकर नेशनल हाईवे पर गिर गए हैं। इस कारण गढ़वाल की ये लाइफ लाइन बंद हो गई है। ये हाईवे टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग और चमौली जिलों को जोड़ता है। कर्णप्रयाग से यही हाईवे कुमाऊं के अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों को जोड़ता है।
देवप्रयाग थाना प्रभारी ने बताया कि मार्ग कल देर रात्रि 11 बजे से बंद है। इस कारण श्रीनगर से आने वाले वाहनों को मलेथा टिहरी चंबा होते हुए ऋषिकेश भेजा जा रहा है। टिहरी से आने वाले वाहनों को नरेंद्रनगर, चम्बा, टिहरी और मलेथा से श्रीनगर की तरफ भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि मार्ग को खोलने के पूरे प्रयास हो रहे हैं।
पौड़ी जिले में शनिवार तड़के हुई बारिश यमकेश्वर तहसील के लिए आफत बनकर टूट पड़ी। बदल फटने से यमकेश्वर तहसील में तीन गांवों में जनजीवन प्रभावित हो गया है। कई गांवों में लोगों के घर जमींदोज हो गए हैं। एक महिला की मलबे में दबकर मौत हुई है। वहीं ग्रामीणों के कई मवेशियों के बह जाने का भी अंदेशा है।
यमकेश्वर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत तड़के साढ़े 3 बजे बादल फटने से भारी तबाही हुई है। बताया जा रहा है कि तहसील के ग्राम बिनक में भवन के क्षतिग्रस्त होने से 70 वर्षीय महिला की मौत हुई। गौशाला ढह गई है। गौशाला में बंधे मवेशी भी बह गए।
देर रात्रि को हुई बारिश ने उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में तबाही मचाई है। जनपद टिहरी के नैचामी क्षेत्र में भी मूसलाधार बारिश ने लोगों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। ग्रामीण ने बताया कि नैलचामी के मंदार गांव के ऊपरी क्षेत्र में अतिवृष्टि होने से गनाबांज गदेरे में पानी का अत्यधिक बहाव आया है। इससे सड़क मार्ग पर मलवा आ गया है। और यातायात बाधित हो गया है। पेयजल लाइन भी ध्वस्त हो गई है। अन्य किसी प्रकार के नुकसान की कोई खबर नहीं है। नैचामा गाड़ का जलस्तर काफी बढ़ा हुआ है।
देर रात से हो रही मूसलाधार बारिश के चलते नदियां ओर बरसाती नाले उफान पर हैं। सौंग, सुसुआ और जाखन नदियों का जल स्तर बढ़ गया है। जिससे नदी के किनारे रहने वाले लोगों को खतरा पैदा हो गया है। डोईवाला में सौंग नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है। वही सुसुआ नदी के किनारे रहने वाले लोग भी दहशत में हैं। जाखन नदी में तेज बहाव का पानी आने से रानीपोखरी का वैकल्पिक मार्ग बह गया है। जिससे बड़े वाहनों को लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है। छोटे वाहनों को नव निर्मित पुल से निकाला जा रहा है।