मथुरा। यूपी के मथुरा के छाता विधानसभा क्षेत्र में गाय और बछड़े के बीच बैठकर बच्‍चे शिक्षा हासिल कर रहे हैं। दरअसल पूर्व माध्यमिक विद्यालय अजनोठी की इमारत जर्जर हो चुकी है। वहीं, कई बार की शिकायत के बाद भी शिक्षा विभाग ने कोई कदम नहीं उठाया है। इस वजह से नौनिहाल तबेला बने विद्यालय की जमीन पर चटाई बिछाकर पढ़ने को मजबूर हैं। यह विद्यालय यूपी के कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण के छाता विधानसभा में आता है। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने कहा कि 30 दिनों से ज्यादा दिन से हम इसी तरह से पढ़ रहे हैं। उनका कहना है कि जिस स्कूल में हम पढ़ते हैं, उस स्कूल की बिल्डिंग पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है और वह कभी भी गिर सकती है। ऐसे में गायों और बछड़ों के बीच पढ़ना हमारी मजबूरी है। अगर हम पढ़ेंगे नहीं तो आगे कैसे बढ़ेंगे?
  इस संबंध में स्थानीय लोगों ने बताया कि यह स्कूल तालाब के पास बना हुआ है, जिसकी बिल्डिंग अब पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है जो कभी भी एक बड़े हादसे का शिकार हो सकती है। इसकी तरफ किसी का कोई ध्यान नहीं है, इसलिए अब इस स्कूल में बच्चों को भेजने से भी डर लगता है।
  स्कूल के प्रधानाध्यापक योगेंद्र पाल सिंह ने बताया कि स्कूल में 37 बच्चे पढ़ते हैं। इस स्कूल का निर्माण 2005 में कराया गया था जिसके बाद आज तक कोई मेंटेनेंस बिल्डिंग के ऊपर नहीं कराया गया है। साथ ही उन्होंने बताया कि बिल्डिंग की जर्जर हालत को देखते हुए हमने 25 जून को गांव के रहने वाले रामदत्त पंडित के यहां बच्चों को लाकर शिफ्ट कर दिया। यहां नीम के पेड़ के नीचे बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। प्रधानाध्यापक का कहना है कि इस बारे में कई बार अधिकारियों को लिखित में अवगत कराने के बाद भी कोई सुनने को तैयार नहीं है। नीम के पेड़ के नीचे 6, 7 और 8 कक्षाएं चलती हैं।