चन्दौली। रेलवे की लापरवाही डीडीयू जंक्शन पर सामने आई है। यहां स्टेशन पर अत्यधिक भीड़ के कारण संघमित्रा एक्सप्रेस का दरवाजा नहीं खुल स्का। जिसके कारण करीब 70 श्रद्धालु ट्रेन पर नहीं चढ़ पाये। इन सभी को चेन्नई जाना था। रेल अधिकारियों की लापरवाही की हद तब हो गई 15 घंटे तक स्टेशन पर लाचार खड़े श्रद्धालुओं का हाल जानने भी नहीं पहुँचे। बाद में आरपीएफ ने सभी को भोजन उपलब्ध कराया। साथ ही यात्रियों को लोकमान्य ट्रेन से इटारसी भेजा गया। जहां से आगे की यात्रा कर सकेंगे। इस दौरान महिला बच्चे और बुजुर्ग यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी।
  दरअसल, 9 दिन पहले चेन्नई के तिरूनामलाई जिले के 190 लोगों का दल काशी यात्रा पर आया था। काशी, प्रयागराज और गया भ्रमण के बाद रात 11 बजे संघमित्रा एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में सभी का रिजर्वेशन था। सभी यात्री समय से रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए और ट्रेन का इंतजार करने लगे। बावजूद इसके वे ट्रेन पर सवार नहीं हो सके।
  यात्रियों के साथ गाइड के रूप में आए भूमिनाथन ने बताया कि रात 11 बजे ट्रेन  रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या 4 पर पहुंची। ट्रेन के सभी कोच के दरवाजे बंद थे और उसमें अत्यधिक यात्री थे। एस-1, एस-2, एस-3, एस-7, एस-9 सहित अन्य कोच के दरवाजे पीटे गए, लेकिन अंदर से किसी ने दरवाजा नहीं खोला। दल के 120 यात्री किसी तरह एसी कोच में चढ़ गए, लेकिन उनके सामान और टिकट नीचे ही रह गए। वहीं 67 यात्री चढ़ ही नहीं पाए।
  इस बीच सिग्नल होने पर ट्रेन खुल गई। इस पर हम लोगों ने आरपीएफ और जीआरपी के जवानों से गुहार लगाई और ट्रेन रोकने को कहा, उन्होंने हमें और ट्रेन से दूर कर दिया। यहां तक कि टीटीई आदि से भी कहा, लेकिन किसी ने बात नहीं सुनी और आंखों से सामने से ट्रेन चली गई। बाद में इसकी शिकायत स्टेशन अधीक्षक से की गई तो उन्होंने भी सहायता करने से हाथ खड़े कर दिए। लोगों के हो हल्ला करने और रेल मंत्रालय को ट्वीट पर शिकायत करने के बाद हमारे टिकट को दूसरे ट्रेन से यात्रा के लिए वैध किया गया। आरपीएफ वेस्ट पोस्ट प्रभारी संजीव कुमार ने बताया कि सुबह आरपीएफ ने यात्रियों के खाने की व्यवस्था की। जिसके बाद यात्रियों को दोपहर 2:30 बजे लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस से इटारसी भेजा गया। यहां से वे दूसरी ट्रेन से चेन्नई जाएंगे।
  गौरतलब है कि यह ट्रेन के कोच में यात्रियों के दाखिल न हो पाने की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी इस तरह घटना आए दिन होती रही हैं। कुछ एक यात्रियों के साथ ऐसा होने के चलते मामला हाईलाइट नहीं होता। पूर्व मध्य रेल की ट्रेन जब दानापुर मंडल में पहुँचती है तो जनरल टिकट के यात्री गलत तरीके रिजर्वेशन क्लास में दाखिल हो जाते है। इसके बाद टीटीई से सुविधा शुल्क के साथ रसीद काट दी जाती है। जिसके बाद चलते 92 लोगों के बैठने के लिए बने कोच में 100 से ज्यादा संख्या पिछली स्टेशनों पर ही हो जाती है। अत्यधिक भीड़ के चलते यात्री अंदर से दरवाजा बंद कर देते हैं। जिसके चलते ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है।