नवागत कलेक्टर पार्थ जायसवाल ने पदभार संभाला, सामने हैं ये प्रमुख चुनौतियाँ
नवागत कलेक्टर पार्थ जायसवाल ने पदभार संभाला, सामने हैं ये प्रमुख चुनौतियाँ
⚫स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढाँचे की स्थिति सुधारना होगा बड़ा चैलेंज
⚫बेरोजगारी,पलायन और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना होगी बड़ी चुनौती
छतरपुर। मंगलवार को जिले के नवागत कलेक्टर पार्थ जायसवाल ने अपने पदभार संभालने के बाद पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। इस मौके पर उन्होंने जिले की प्रशासनिक व्यवस्थाओं और आने वाली चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की। कलेक्टर जायसवाल ने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य जिले को विकास की नई ऊँचाइयों पर पहुँचाना है, लेकिन इसके लिए उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने प्रशासनिक तंत्र में पारदर्शिता और कार्यकुशलता बढ़ाने पर जोर दिया और कहा कि जनता की समस्याओं का समाधान उनकी प्राथमिकता होगी। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि जिले में कई गंभीर समस्याएं हैं, जिनका समाधान जल्द से जल्द किया जाना जरूरी है। इन समस्याओं में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, शिक्षा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता, सड़क और बुनियादी ढाँचे की खराब स्थिति, जल संसाधन प्रबंधन की चुनौतियाँ, कृषि और किसानों की समस्याएँ और सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी, पलायन, भ्रष्टाचार शामिल हैं। इसके अलावा, बेरोजगारी भी एक बड़ी समस्या है, जिससे निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। कलेक्टर जायसवाल ने कहा कि वह सभी वर्गों के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसके लिए वह जनता के सहयोग की अपेक्षा करते हैं। उन्होंने कहा कि जनता की सहभागिता के बिना प्रशासनिक सुधार और विकास संभव नहीं है।
👉🏻कलेक्टर पार्थ जायसवाल के सामने ये हैं प्रमुख चुनौतियाँ
1.स्वास्थ्य सेवाओं में है सुधार की आवश्यकता
जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति में सुधार की आवश्यकता है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पतालों में सुविधाओं की कमी, डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की अनुपलब्धता, और आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की कमी प्रमुख समस्याएं हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता और गुणवत्ता में अंतर को कम करना भी एक बड़ा मुद्दा है। इसके अलावा, समय पर चिकित्सा आपूर्ति और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना भी एक चुनौती है।
2.शिक्षा व्यवस्था में है सुधार की गुंजाइश
सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता में गिरावट, शिक्षकों की कमी, और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का निम्न स्तर प्रमुख चिंताएँ हैं। शिक्षण सामग्री और आधुनिक शिक्षण उपकरणों की उपलब्धता भी एक बड़ी चुनौती है। साथ ही, शिक्षकों के प्रशिक्षण और उनकी नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है। स्कूलों की बुनियादी सुविधाओं, जैसे पेयजल और शौचालय, की स्थिति भी सुधारने की आवश्यकता है।
3.खराब सड़के और बुनियादी ढाँचा सुधार की जरूरत
जिले की सड़कों की खराब स्थिति, यातायात की अव्यवस्था, और बुनियादी ढाँचे की कमी प्रमुख चुनौतियों में शामिल हैं। शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की कमी है। इसके अलावा, यातायात जाम और पार्किंग की समस्याओं को सुलझाना भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। नए विकास परियोजनाओं की समय पर और गुणवत्तापूर्ण निष्पादन सुनिश्चित करना भी चुनौतीपूर्ण होगा।
4.जल संसाधन और प्रबंधन
जिले में जल संकट एक गंभीर समस्या है। जलाशयों और नदियों का सूखना, जल संरक्षण की योजनाओं की कमी, और सिंचाई सुविधाओं की कमी, तालाबों पर अतिक्रमण जैसी चुनौतियाँ मौजूद हैं। भूमिगत जल स्तर में गिरावट और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से जल संसाधनों का संरक्षण और प्रबंधन आवश्यक हो गया है। वर्षा जल संचयन और कुशल सिंचाई तकनीकों का अपनाना भी चुनौतीपूर्ण होगा।
5.कृषि और किसानों की समस्याएँ
किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों की जानकारी की कमी, फसल बीमा योजनाओं का प्रभावी कार्यान्वयन न होना, और कृषि के लिए आवश्यक संसाधनों की कमी जैसी समस्याएँ हैं। इसके अलावा, कृषि उपज का सही मूल्य न मिलना और विपणन की सुविधाओं का अभाव भी प्रमुख चुनौतियाँ हैं। किसानों के कर्ज और ऋण माफी जैसी समस्याओं का समाधान भी आवश्यक है।
6.भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना बड़ी चुनौती
भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना एक बड़ी चुनौती होगी। प्रशासनिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता की कमी, भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की धीमी जांच और कार्रवाई, और भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूत निगरानी तंत्र का अभाव। विभिन्न सरकारी योजनाओं और परियोजनाओं में वित्तीय अनियमितताओं को रोकना भी एक महत्वपूर्ण चुनौती है। भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासनिक तंत्र की स्थापना के लिए जन जागरूकता और शिकायत निवारण प्रणाली को सुदृढ़ बनाना आवश्यक है।
7.जनता सुरक्षित रहे और कानून व्यवस्था बनी रहे
जिले में सुरक्षा और कानून व्यवस्था को बनाए रखना एक चुनौती होगी। पुलिस बल की कमी, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के मुद्दे, और अपराध की बढ़ती घटनाएँ प्रमुख चिंताएँ हैं। सार्वजनिक सुरक्षा के लिए आवश्यक संसाधनों की कमी और अपराध की जांच और न्यायिक प्रक्रिया में देरी भी समस्याएं हैं। सामुदायिक पुलिसिंग और लोगों के बीच सुरक्षा को लेकर विश्वास बहाली भी महत्वपूर्ण है।
8.सामाजिक न्याय और समावेश
समाज के सभी वर्गों के हितों की रक्षा करना और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े,सामान्य वर्गों के विकास के लिए विशेष योजनाओं की आवश्यकता है। इन वर्गों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए विशेष प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। सामाजिक असमानताओं को कम करने और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
9.बेरोजगारी और पलायन
जिले में बेरोजगारी एक गंभीर समस्या है। युवाओं के लिए रोजगार के पर्याप्त अवसरों की कमी, कौशल विकास के कार्यक्रमों का अभाव, और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक संसाधनों की कमी जैसी चुनौतियाँ हैं। बेरोजगारी के कारण आर्थिक असुरक्षा और सामाजिक असंतोष बढ़ रहा है, जिससे निपटना आवश्यक है। बेरोजगार अभी के कारण छतरपुर जिले में पलायन की समस्या भी प्रमुख है यदि लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलेगा तो पलायन भी रुक जाएगा।
👉🏻क्या बोले कलेक्टर
कलेक्टर पार्थ जायसवाल ने कहा कि उनकी प्राथमिकता जिले को विकास की नई ऊँचाइयों तक पहुँचाना है और इसके लिए वे पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य करेंगे। प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में उन्होंने सभी को आश्वस्त किया कि उनकी प्रशासनिक टीम हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है।