राज्यसभा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान नीट मामले को लेकर हंगामा शुरू हो गया। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने नीट मामले पर चर्चा की मांग की। इस बीच कांग्रेस ने आरोप लगाया कि नीट का मुद्दा उठाने पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे का माइक बंद कर दिया गया। हालांकि, नीट मामले पर चर्चा को लेकर हंगामे के बीच खरगे सभापति जगदीप धनखड़ के वेल में आ गए। इसपर सभापति धनखड़ नाराज हो गए और उन्होंने इस हरकत को भारतीय संसद के इतिहास में कलंकित दिन बताया।

उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने खरगे की इस हरकत की निंदा की। उन्होंने कहा, "आज भारतीय संसद के इतिहास में ऐसा कलंकित दिन है कि विपक्ष के नेता खुद वेल में आ गए हैं। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। मैं दुखी हूं, स्तब्ध हूं। भारतीय संसदीय परंपरा इस हद तक गिर जाएगी कि विपक्ष के नेता वेल में आ जाएंगे, उपनेता वेल में आ जाएंगे।"

हालांकि, नीट मामले को लेकर हंगामे के बीच धनखड़ ने रास्यसभा को स्थगित कर दिया। राज्यसभा के स्थगित होने पर मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "मैंने सदन में 10 मिनट तक हाथ ऊपर करके रखा लेकिन चेयरमैन ने मेरी तरफ नहीं देखा। उन्होंने जानबूझकर मुझे नजरअंदाज करके मेरा अपमान किया। उनका ध्यान खींचने के लिए मैं अंदर(वेल में) गया।"