लखनऊ की 9 विधानसभा सीटों के लिए भाजपा और सपा कश्मकश
लखनऊ ।यूपी विधानसभा चुनाव में लखनऊ की 9 विधानसभा सीटों के लिए नामांकन खत्म होने में महज तीन दिन शेष हैं।बसपा और कांग्रेस ने सीटों के लिए अपने-अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है, लेकिन बीजेपी और सपा ने अपने पत्ते अभी तक नहीं खोले हैं।दोनों ही पार्टियों से चुनाव लड़ने वाले दावेदारों की लंबी कतार है।इसके बाद वहां एक-दूसरे के उम्मीदवारों की लिस्ट के लिए वेट-एंड-वाच के मूड में है, और सूबे के दिग्गज नेताओं की लंबी कतार है।इसकारण दोनों ही पार्टियां अभी तक कैंडिडेट का ऐलान नहीं कर सकी हैं?
दरअसल, लखनऊ की 9 सीटों में से बीजेपी का 8 सीटों पर कब्जा है, जबकि एक सीट पर सपा को मिली थी।लखनऊ की मोहनलालगंज सीट छोड़कर सभी सीटें बीजेपी के पास है।सपा ने मोहनलालगंज और मलिहाबाद सीट के लिए अभी तक प्रत्याशी का ऐलान किया है, जबकि बीजेपी ने किसी भी सीट पर किसी भी नाम की घोषणा नहीं की है, जबकि बसपा और कांग्रेस उम्मीदवार चुनावी प्रचार में जुटे हैं।बीजेपी और सपा दोनों ही लखनऊ की विधानसभा सीटों के लिए टिकट नहीं घोषित कर रही है,इसकारण दोनों ही पार्टी के दावेदारों की उलझनें बढ़ी है।लखनऊ कैंट, मोहनलालगंज, बख्शी का तालाब, सेंट्रल लखनऊ, नार्थ लखनऊ, पश्चिमी लखनऊ, पूर्वी लखनऊ, मलिहाबाद और सरोजनीनगर सीट है। बीजेपी और सपा दोनों ही पार्टियों से एक-एक सीट पर कई दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं।
लखनऊ की ज्यादातर सीटें बीजेपी के लिए सुरक्षित सीट मानी जाती हैं। सूबे की योगी कैबिनेट के तीन बड़े मंत्री आशुतोष टंडन, ब्रजेश पाठक और स्वाति सिंह राजधानी से विधायक हैं, जबकि दिनेश शर्मा और मोहसिन रजा एमएलसी हैं।इसके बाद भी भाजपा अपने दिग्गज नेताओं के टिकट को अभी तक फाइल नहीं हुई हैं।माना जा रहा है कि बीजेपी लखनऊ में अपने कई मंत्रियों की सीटें बदल सकती है।
सबसे ज्यादा सस्पेंस सरोजनी नगर और लखनऊ कैंट सीट पर है।सरोजनी नगर सीट पर स्वाति सिंह का अपने पति दयाशंकर सिंह के साथ टिकट को लेकर विवाद है।दोनों ही सीट पर दावे कर रहे हैं।वहीं, लखनऊ कैंट सीट पर भी कई दिग्गज नेता टिकट के लिए मशक्कत कर रहे हैं।लखनऊ वेस्ट, बख्शी का तालाब, मोहनलालगंज, लखनऊ उत्तरी और पूर्वी सीट को लेकर सस्पेंस बनाकर रखा है।
योगी कैबिनेट के मंत्री के साथ ही सांसद रीता बहुगुणा जोशी भी अपने बेटे मयंक जोशी के लिए लखनऊ कैंट सीट से दावा कर रही हैं।रीता दो बार सीट से विधायक रही हैं।वहीं डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा भी यहीं से चुनाव लड़ाने की योजना बना रहे है,तब हाल ही में बीजेपी में आई मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव भी सीट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है।
पिछली बार लखनऊ मध्य सीट से जीतकर कानून मंत्री ब्रजेश पाठक भी इस बार अपनी सीट बदलने के मूड में है।वहां भी कैंट सीट से चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं, और अपनी सीट से पत्नी को चुनाव लड़ाने की तैयारी में है।वहीं, लालजी टंडन के बेटे आशुतोष टंडन की सीट बदलने की चर्चा है, लेकिन वहां अपनी परंपरागत सीट से चुनावी किस्मत आजमाने के मूड में है।बीजेपी के तरह सपा भी कशमकश में फंसी हुई है। सपा की नजर बीजेपी की उम्मीदवारों की लिस्ट पर है।इसकारण वहां अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं।दिलचस्प बात यह है, कि दोनों ही पार्टियां एक दूसरे के उम्मीदवारों के इंतजार में है,क्योंकि दोनों पार्टियों के कुछ सीटों के उम्मीदवार एक-दूसरे के संपर्क में बताए जा रहे हैं।लखनऊ में जिसका का टिकट इधर से कटा वहां उधर से टिकट लाएगा।इसकारण दोनों पार्टियां अपने-अपने पत्ते नहीं खोल रही हैं।