भोपाल।   प्रदेश के सरकारी मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस प्रथ्म वर्ष की पढ़ाई अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी कराई जाएगी। इसके लिए चिकित्सा शिक्षा की किताबों के अनुवाद का काम 60 प्रतिशत पूरा हो गया है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि सबसे पहले गांधी मेडिकल कालेज भोपाल में तीन विषयों में इसी साल से पढ़ाई कराई जाएगी। जुलाई से इन किताबों से पढ़ाई श्रू हो जाएगी। इस संबंध में मंत्री ने बुधवार को मंत्रालय में समिति के विशेषज्ञों के साथ बैठक की। उन्होंने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में एमबीबीएस प्रथम वर्ष में इसी सत्र से बायोकेमेस्ट्री, एनाटॉमी और फिजियोलॉजी में पढ़ाई अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी कराई जाएगी। छात्रों को नोटबुक भी हिंदी में उपलब्ध कराई जाएगी। गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल देश का पहला मेडिकल कॉलेज होगा जहां चिकित्सा शिक्षा की पढ़ाई हिंदी में भी कराई जाएगी। विद्यार्थियों को परीक्षा में भी हिंदी में लिखने की छूट होगी। यह व्यवस्था इसलिए की जा रही है कि कई विद्यार्थी हिंदी माध्यमों से 12वीं तक की पढ़ाई करके आते हैं। ऐसे में उनकी अंग्रेजी कमजोर होती है। नया पाठ्यक्रम होने के साथ ही अंग्रेजी भाषा के चलते उन्हें परीक्षा पास करने और अच्छे अंक लाने में दिक्कत होती है। मंत्री सारंग ने बताया कि उनकी कोशिश है कि प्रदेश के सभी 13 से सरकारी मेडिकल कॉलेजों में इसी सत्र से यह व्यवस्था शुरू हो सके। तैयारी नहीं हो पाई तो जीएमसी से इसकी शुरुआत तो हर हाल में हो जाएगी।