नौगांव डिस्टलरी के गंदे पानी की बदबू से लोगों का जीना मुहाल
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डिस्टलरी के गंदे पानी की बदबू से लोगों का जीना मुहाल, रात में सांस लेना मुश्किल
डिस्टलरी से निकले ग्रेन वेस्ट मैटेरियल को खुले मैदान में सुखाने से हवा हो रही प्रदूषित
नौगांव। शहर में संचालित जैगपिन ब्रेवरीज लिमिटेड कॉक्स इंडिया डिस्टलरी शराब फैक्ट्री के संचालक द्वारा प्रशासन एवं पर्यावरण विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा मिली अनुमति के विपरीत शराब फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा है। फैक्ट्री में शराब निर्माण के बाद निकलने वाले ग्रेन वेस्ट मैटेरियल को नियमों के विपरीत कैम्पस के अंदर न सुखाकर बाहर खुले मैदान में सुखा कर वायु प्रदूषण फैलाया जा रहा है। खुले मैदान में वेस्ट मैटेरियल को सुखाने से इसकी बदबू आसपास के पूरे क्षेत्र में फैलकर वायु को प्रदूषित कर रही है, जिसके चलते क्षेत्र के रहवासियों के अलावा फैक्ट्री से लगे हुए ग्रामीणों का भी बदबू से जीना मुहाल है। इस मामले में बीते दिनों आई प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम के द्वारा वायु प्रदूषण के नाम पर दूर दराज क्षेत्र के सैंपल लेकर खानापूर्ति कर चली गई है।
जैगपिन वेवरीज लिमिटेड के संचालक जगदीश अग्रवाल, विपिन अग्रवाल शराब निर्माण के लिए प्रदूषण नियंत्रण विभाग से मिली अनुमति का पालन न कर इसके विपरीत काम कर आसपास के रहने वाले लोगों को जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। फैक्ट्री संचालक के द्वारा शराब निर्माण करने के बाद गेंहू, जवा, मक्का सहित अन्य ग्रेन के सादे हुए मैटेरियल को फैक्ट्री कैंपस में रिसाइकिल नहीं किया जा रहा है। फैक्ट्री से निकले इस वेस्ट मैटेरियल को संचालक के द्वारा प्रदूषण बोर्ड से मिली अनुमति के विपरीत फैक्ट्री कैंपस एरिया के पास निजी भूमि में सुखाया जा रहा है। इतना ही नहीं यह वेस्ट सड़ा हुआ मैटेरियल निजी भूमि में कवर्ड कैंपस में न सुखाकर खुले मैदान में डालकर पूरे क्षेत्र की आवोहवा को खराब किया जा रहा है। वेस्ट मैटेरियल से निकलने वाली गंध इतनी खराब है कि इससे वायु प्रदूषण हो रहा है। हैरान करने के वाली बात यह है कि डिस्टलरी संचालक के द्वारा पर्यावरण नियमों को खुलेआम धज्जियां उड़ाने के बाद भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारी प्रति माह जांच के नाम पर खानापूर्ति कर रहे हैं। तो वहीं मंगलवार को शराब फैक्ट्री में हुए हादसे के बाद प्रशासन सख्त हुआ तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सागर की तीन सदस्यीय तकनीकी जांच टीम ने फैक्ट्री एवं फैक्ट्री के आसपास के एरिया के जल एवं वायु के सैंपल लेकर खानापूर्ति करके चली गई। क्योंकि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम को शराब फैक्ट्री कैंपस के बाहर दो स्थानों आप खुले मैदान में सुखाए जा रहे वेस्ट ग्रेन एम मैटेरियल के प्वाइंट नहीं दिखे तो वहीं जांच टीम ने भी उस स्थान के जल सैंपल नहीं लिए जहां पर फैक्ट्री से अवैध तरीके निकल अपशिष्ट जहरीला पानी स्टोर किया गया। टीम जांच के नाम पर खानापूर्ति करके चली गई। इसके चलते डिस्टलरी के आसपास रहने वाले लोगों को सड़े हुए अनाज की बदबू से सांस लेना मुश्किल हो रहा है। डिस्टलरी संचालक के द्वारा पर्यावरण से खिलवाड़ किए जाने के बाद प्रशासन से अब भी प्रभावी कार्रवाई की दरकार बनी हुई है। डिस्टलरी संचालक के द्वारा फैक्ट्री के पीछे शिकारपुरा मार्ग एवं नौगांव से डिस्टलरी जाने वाले मार्ग के मध्य दो स्थानों पर तार फेंसिंग करके इस सड़े हुए वेस्ट मैटेरियल को सुखाया जा रहा है। इसके चलते हवा में प्रदूषण तेजी से फैल रहा है। सर्दी का मौसम प्रारम्भ होने से डिस्टलरी से निकले गंदे पानी की बदबू एवं वेस्ट मटेरियल से निकली बदबू पूरे शहर की हवा में घुल गई है। बदबू हवा में घुलने से लोगों का जीवन मुहाल हो रहा है। गन्दी बदबू सुबह और रात के समय लोगों को परेशान कर रही है। बदबू हवा में घुलने से सुबह से मोर्निंग वाक करने वाले खिलाडियों, महिलाओं , वृद्धों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है, वॉक के समय लोगों का एक हाथ ज्यादातर समय नाक पर रहता है।अपनी फिटनेश के लिए हमेशा तत्पर रहने वाले लोगों के लिए डिस्टलरी की बदबू मुश्किल पैदा कर रही है।
अनुबंध शर्तों का उल्लंघन कर चुनौती दे रहा डिस्टलरी संचालक -
डिस्टलरी संचालक के द्वारा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की पर्यावरण शर्तों का उलंघन करने के बाद भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी जांच के नाम पर कई वर्षों से खानापूर्ति कर रहे हैं। अनुबंध शर्तों के अनुसार फैक्ट्री संचालक स्प्रिट युक्त मलबे को खुले में नहीं रख सकता है, इस मलबे को फैक्ट्री कैंपस के अंदर ही स्टोर करके रिसाइकिल किया जाए या इस मलबे को आबादी से दूर विनिष्टिकरण कर नष्ट किया जाए। प्रदूषण को रोकने के लिए प्लांट का दूषित पानी भी संयंत्र द्वारा रिसाइकिल कर आबादी से दूर छोड़ा जाए। शराब फैक्ट्री संचालक के द्वारा प्रदूषण बोर्ड की एक भी शर्तों का पालन न एक धड़ल्ले से पिछले कई वर्षों से फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा है।
इनका कहना है -
बीते दिनों पहले टीम भेजकर वायु एवं जल के सैंपल लिए है, डिस्टलरी संचालक के द्वारा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की शर्तों का पालन नहीं किया जा रहा है, तो कार्रवाई करेंगे। यदि रिहायशी आबादी में प्रदूषण से रहवासियों को दिक्कत अथवा स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है, तो टीम भेजकर फिर से जांच कराई जाएगी।
केपी सोनी
क्षेत्रीय नियंत्रण अधिकारी,
मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सागर