श्री कृष्णा विश्वविद्यालय में व्याख्यान माला के दौरान भूतपूर्व भारतीय राजदूत दिनकर श्रीवास्तव ने जी-20 पर छात्र-छात्राओं के साथ किया संवाद
श्री कृष्णा विश्वविद्यालय में व्याख्यान माला के दौरान भूतपूर्व भारतीय राजदूत दिनकर श्रीवास्तव ने जी-20 पर छात्र-छात्राओं के साथ किया संवाद
छतरपुर। विदेश मंत्रालय भारत सरकार, विकासशील देशों की अनुसंधान एवं सूचना प्रणाली व श्री कृष्णा विश्वविद्यालय द्वारा जी-20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट व्याख्यान माला का आयोजन 17 फरवरी 2023 को आभासी तथा भौतिक दोनो माध्यमों से विश्वविद्यालय सभागार में किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों के द्वारा ज्ञान की देवी माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर किया गया। अतिथिदेवो भव: की परंपरा का निर्वाहन करते हुए विश्वविद्यालय के चेयरमेन डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह गौतम ने उपस्थित अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत करते हुए सॉल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अनिल धगट ने उपस्थित अतिथियों का स्वागत भाषण के माध्यम से परिचय कराया। तत्पश्चात विश्वविद्यालय उपकुलपति एवं कार्यक्रम समन्वयक गिरीश त्रिपाठी ने आज के कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जी-20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट श्रृंखला के अंतर्गत छात्र-छात्राओं में जी-20 की जागरूकता फैलाने के उददे्श्य से इस व्याख्यान माला का आयोजन किया गया है।
आज के व्याख्यान माला के मुख्य वक्ता भूतपूर्व भारतीय राजदूत दिनकर श्रीवास्तव ने जी-20 के गठन और उसकी उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि G20 ग्रुप का गठन सन् 1999 के दशक के अंत के वित्तीय संकट की पृष्ठभूमि में किया गया था, जिसने विशेष रूप से पूर्वी एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया को प्रभावित किया था। इसका उद्देश्य मध्यम आय वाले देशों को शामिल कर वैश्विक स्थिरता को सुरक्षित करना है। यह विश्व के 20 प्रमुख देशों का संगठन है, जिसमें 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं। जिसका प्रतिनिधित्व यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष और यूरोपीय केंद्रीय बैंक द्वारा किया जाता है। उन्होंने बताया कि भारत इस वर्ष जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है जो गौरव की बात है भारत की संस्कृति और सभ्यता प्राचीन है जिसमें भारत की आशा, सद्भाव और शांति सन्निहित है "एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” और प्राचीन संस्कृत लोकाचार में सम्मिलित है ‘वसुधैव कुटुम्बकम‘ की भावना। जो सभी जीवन के मूल्य की पुष्टि करता है उन्होने व्याख्यान माला के दौरान विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं के साथ जी-20 पर संवाद किया।
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, इंन्दौर के प्राध्यापक एवं जी-20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट स्टेरिंग कमेटी के सदस्य प्रो. कन्हैया आहूजा ने अपने उद्बोधन में कहा कि आर्थिक मोर्चे पर मुश्किल हालात से गुजरते हुए वैश्विक अर्थव्यवस्था ऐतिहासिक आंकड़े के पार पहुंची। पर्यावरण स्वच्छता को जी-20 से जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि पर्यावरण के प्रति हम सब को जागरूक रहना चाहिए। पर्यावरण और जलवायु स्थिरता इसमें भूमि की उर्वरता बहाल करने, तटीय क्षेत्रों के साथ नीली अर्थव्यवस्था और जैव विविधता को बढ़ावा देने, जंगल की आग और समुद्री कचरे की समस्या से निपटने जैसी पर्यावरण चुनौतियों के मुद्दे पर बताया कि सदस्य देशों ने पर्यावरण संरक्षण के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं पर प्रभावी प्रस्तुतियां दीं और तकनीकी पहलुओं पर विचार-विमर्श किया। वन्य जीवों और जैव विविधता के संरक्षण के लिए पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करने की योजना पर यह संगठन बल देता है। उन्होंने कहा कि भारत द्वारा अपशिष्ट पदार्थों को फिर से उपयोगी बनाने के कार्य की ईपीआर फ्रेमवर्क के सदस्य देशों ने सराहना की।
विश्वविद्यालय के चेयरमेन डॉ. पुष्पेंन्द्र सिंह गौतम ने अपने सम्बोधन मे कहा कि जी-20 अध्यक्षता के रूप में भारत के लिए यह गौरवपूर्ण क्षण है प्रत्येक भारतीय नागरिक के लिए एक महान अवसर है क्योंकि आज भारत को जानने और समझने के लिए दुनिया में एक अभूतपूर्व जिज्ञासा है। आज भारत को नई रोशनी में पढ़ा जा रहा है। हमारी वर्तमान सफलताओं के आकलन से भारत पुन: विश्वगुरू बनने के मार्ग पर अग्रसर है। जिसमें बड़े पैमाने पर युवाओं की भागीदारी महत्व रखती है क्योकि युवा आने वाले समय में भारत का नेतृत्व करेंगे।
महाराजा छत्रसाल बुंदेलखण्ड, विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. जे.पी. मिश्रा ने अपने उद्भबोधन मे कहा कि भारत सबसे अधिक युवाओं वाला देश है यहां 65 करोड़ युवा है। यह हमारे लिए ऐतिहासिक क्षण एवं सम्मान के साथ-साथ बडी जिम्मेदारी भी है क्योकि यह अवसर हमारी आजादी के अमृत काल में आया है। महाराजा छत्रसाल बुंदेलखण्ड, विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. डी. पी. शुक्ला ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि श्री कृष्णा विश्वविद्यालय के समस्त प्राध्यापक गण एवं विद्यार्थियों के लिए यह प्रशंसा का विषय है कि उनके विश्वविद्यालय को जी-20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट श्रृंखला में जोड़ा गया। वरिष्ठ पत्रकार रविन्द्र अरजरिया ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जी-20 की अध्यक्षता में पहली बार ऐसा हुआ कि समाज के अंतिम छोर को भी जोड़ने का प्रयास किया गया। आने वाले समय में भारत दुनिया के कई लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए नए कीर्तिमान गढ़ेगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भाजपा वरिष्ठ नेता राकेश पाठक ने अपने अध्यक्षीय उद्भबोधन में कहा कि भारत के 75 विश्वविद्यालय को जी-20 कनेक्ट प्रोग्राम में जोड़ा गया जिसमे मध्यप्रदेश के 4 विश्वविद्यालय में बुंदेलखण्ड क्षेत्र मे स्थापित श्री कृष्णा विश्वविद्यालय का नाम सम्मिलित है। यह बुंदेलखण्ड के लिए गौरव की बात है। इसका श्रेय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. ब्रजेन्द्र सिंह गौतम, चेयरमेन डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह गौतम एवं समस्त विश्वविद्यालय परिवार को जाता है।
विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के प्रतिभागियो को अतिथियों के द्वारा स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का आभार कुलसचिव विजय सिंह द्वारा एवं संचालन डॉ. प्रणति चतुर्वेदी एवं श्रीमती रेनू झा द्वारा किया गया।
व्याख्यान माला में मुख्य वक्ता के रूप में भूतपूर्व भारतीय राजदूत दिनकर श्रीवास्तव, यूनिवर्सिटी कनेक्ट स्टेरिंग कमेटी के सदस्य प्रो. कन्हैया आहूजा, अली सैय्यद सलाहकार, डॉ. जी. पी. मिश्रा कुलसचिव महाराजा छत्रसाल बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, डॉ. डी. पी. शुक्ला प्राध्यापक महाराजा छत्रसाल बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, राकेश पाठक भाजपा वरिष्ठ नेता एवं श्री मानवेन्द्र सिंह परिहार समाज सेवी, चेयरमेन डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह गौतम, कुलपति डॉ. अनिल धगट, उप कुलपति गिरीश त्रिपाठी, कुलसचिव विजय सिंह, समस्त प्राध्यापकगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।