अभी भी शांत नहीं हुआ विधायक और थाना प्रभारी के मध्य हुआ विवाद

विधायक राजेश प्रजापति ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख थाना प्रभारी पर अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग उठाई


बागेश्वर धाम में होने जा रहे विवाह महोत्सव में मुख्यमंत्री से विधायक राजेश करेंगे मुलाकात

छतरपुर। पिछले दिनों जिले में एक मामला बहुत सुर्खियों में रहा इस मामले में सीधे तौर पर एक विधायक और थाना प्रभारी आमने-सामने आ गए थे। लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों और नेताओं की मध्यक्षता के कारण यह विवाद शांत हो गया था। अब विधायक के द्वारा एक पत्र मुख्यमंत्री के नाम भेजा गया है जिसमें उन्होंने तत्कालीन थाना प्रभारी के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने व सेवा से दर्ज करने की मांग उठाई है। जिस कारण यह मामला फिर से सुर्खियों में आता दिख रहा है।

बागेश्वर धाम आ रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह मिलेंगे राजेश

शनिवार को महाशिवरात्रि के पर्व पर देश के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में शुमार हो चुके बागेश्वर धाम में 121 कन्याओं का विवाह महोत्सव होने जा रहा है। जिसमें शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दोपहर 1:15 पर धाम पहुंचकर कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से राजेश प्रजापति मिलकर अपनी मांग को पुनः रख सकते हैं।


 विधायक राजेश प्रजापति ने एसपी और तत्कालीन थाना प्रभारी पर लगाए गंभीर आरोप 

विधायक राजेश प्रजापति द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे गए अपने पत्र में साफ तौर पर लिखा गया है कि जब मेरे द्वारा पीड़ित महिला की रिपोर्ट लिखी जाने की बात कही गई तो तत्कालीन थाना प्रभारी भड़क गए और बोले कि मैं एफआईआर नहीं लिखूंगा जो करना है कर लो झूठी रिपोर्ट लिखवा रहे हो, इस दौरान उन्होंने कई बार संसदीय भाषा का उपयोग किया जिस वक्त वह इस तरह का बर्ताव कर रहे थे तब पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा उनके मोबाइल से कॉल कर लाइन पर लिए हुए थे। वह भी यह सब सुन रहे थे इससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उक्त घटना पुलिस अधीक्षक की शह रही होगी।

क्या था मामला

गौरतलब है कि 12 फरवरी की रात चंदला क्षेत्र से विधायक राजेश प्रजापति अपने गांव की एक महिला की शिकायत को लेकर लवकुशनगर थाने गए हुए थे। जहां एफ आई आर दर्ज कराने को लेकर तत्कालीन थाना प्रभारी हेमंत नायक से उनका जमकर विवाद हुआ था जिसके वीडियो भी खूब वायरल हुए थे। विवाद होने के बाद विधायक राजेश प्रजापति के द्वारा थाना के गेट पर ही धरना दे दिया गया था बाद में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और पुलिस विभाग के अधिकारियों के द्वारा मध्यस्था करते हुए विवाद को शांत करवा दिया गया था।

न्यूज़ सोर्स : WA