केन में तैरती पोकलैंड नदी की छाती चीर कर निकल रही रेत, लिफ्टर लगाकर हो रहा रेत का दोहन
*केन में तैरती पोकलैंड नदी की छाती चीर कर निकल रही रेत*
*लिफ्टर लगाकर हो रहा रेत का दोहन*
छतरपुर, रेत खदानों के लिए मशहूर छतरपुर जिले के गोयरा , रामपुर और गौरिहार में अब केन नदी के बीचोबीच पानी में उतरकर पोकलैंड मशीनें रेत उत्खनन कर रहीं है जो नियम विरुद्ध है और दूसरी तरफ आसपास के गांव की जनता भी काफी परेशान है क्योंकि छतरपुर जिले को उप्र से जोड़ने वाली लगभग 20 किलोमीटर लंबी सड़क पर रेत से भरे ट्रकों की लंबी कतार रहती है और सड़कों की हालत इतनी बदहाल है की इस दूरी को पार करने में 2 घंटे से ज्यादा का समय लगता है। हमारी टीम ने जो वहां से गुजरने वाले कुछ परिवारवालों और राहगीरों से बात की तो उन्होंने साफ तौर पर अपने डर बयान किया । आम लोगों के लिए बनाई गई सड़क के ज्यादातर हिस्से पर ट्रक खड़े रहते हैं और जो थोड़ी बहुत जगह निकलने के लिए बचती है उनमें भी निकलने में पसीने छूट जाते हैं ।
*सड़क पर रेत के ट्रकों का कब्जा, ग्रामीण परेशान*
छतरपुर जिले में रेत उत्खनन काफी बड़े पैमाने पर किया जाता है जिसमें छतरपुर के चंदला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गोयरा, रामपुर और गौरिहार क्षेत्र प्रमुख हैं यहां दर्जनों रेत खदानें हैं लेकिन इन रेत खदानों से आसपास की जनता बहुत ज्यादा परेशान है । क्योंकि आपस में कस्बों को जोड़ने वाली सड़कों पर रेत के ट्रकों का बोलबाला है कई किलोमीटर तक लंबी लाइन है और सड़कों का हाल इतना बुरा है कि मात्र 20 किलोमीटर की दूरी तय करने में आम लोगों को कई घंटों का समय लगता है और कोई बीमार व्यक्ति को लेने यदि एंबुलेंस इस रास्ते से जाना चाहे तो उसे भी इंतजार करना पड़ता है।
*वैध ठेका बना अवैध रेत खनन का गढ़*
छतरपुर में पिछले 1 साल से वैध रेत उत्खनन के लिए पुष्पा इंटरप्राइजेज कंपनी का ठेका है लेकिन यह वैध रेत उत्खनन अब धीरे-धीरे अवैध रेत उत्खनन की तरफ आगे बढ़ रहा है । रेत माफिया शासन से सांठ गांठ करके शासन को राजस्व का चूना लगा रहे हैं । रेत खोजने के लिए उपयोग आने वाली पोकलैंड मशीनें अब नदी के भीतर जाकर रेत का उत्खनन कर रही है जो नियम विरुद्ध है। यह काम एक दो जगह नहीं बल्कि छतरपुर के गोयरा और गौरिहार थाना क्षेत्रों से निकलने वाली के नदी के लगभग हर घाट पर चल रहा है। आलम यह है कि केन नदी पर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाले रामपुर के पुल पर अगर आप खड़े हो जाएं और सिर्फ दाएं और बाएं नजर भर डालें तो आपको कई पोकलैंड मशीनें और लिफ्टर नदी के बीच रेत का उत्खनन करते नज़र आयेंगे। ऐसा नहीं है कि प्रशासन को इसकी खबर नहीं है यह सब प्रशासन की नाक के नीचे हो रहा है उल्टा जनता की मदद करने की बजाय प्रशासन केवल ट्रकों को सुरक्षित सीमा पार कराने में लगा रहता है जब आम लोगों से इस बारे में बात की तो उन्होंने अपनी समस्या बताई और कहा कि हम बच्चों और परिवार को लेकर इस सड़क से गुजरते हैं तो हमें डर लगता है।
*बीच नदी में डाले लिफ्टर, नदी का मूल स्वरूप हो रहा प्रभावित*
रेत माफियाओं ने अपने फायदे के लिए नदी के मूल स्वरूप से भी छेड़खानी करने में परहेज नहीं किया है । नदी की धारा रोककर रेत उत्खनन किया जा रहा है । जिससे जीवन दायनी केन नदी अपना मूल स्वरूप खोती जा रही है ।